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सूझ-बूझ ऊं सुळझाओ समस्या

एक किसान हो, बो आपगै खेतां मं  काम करगे घरै आवै हो। रा मं ही एक हलवाई गी दुकान ही। बीं दिन किसान किं जादा ऐ काम कर लियो हो अर बिनै भोत भूख लाग

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हर आफत गो हल है

एक टेम गी बात है। एक मिनख कनै एक गदियो हो। एक दिन बो गदियो एक दळडै मं पड़ग्यो जद भोत जतन केण गै भछै भी बो गदियो दळड़ै ऊं बारै कोनी निकळ सक्यो तो बण

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राम नाम बिना मुकती ना होवै रेग्यो सुको लकड़ रे मनवा साचो नाम पकड़ रे

राम नाम बिना मुकती ना होवै रेग्यो सुको लकड़ रे मनवा साचो नाम पकड़ रे.…(टेर)
भाई-बन्धु कुटम्ब कबीलो ज्या मं रोक दी जड़ रे

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  • बागड़ी गी तिमाई पतरिका अपरेल ऊं जून 2019
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  • म्हानै अब के बचाले म्हारी मा बटाऊ आयो लेवण नै
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  • सासुड़ी ताना मार ओ भाई सागा बीर
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  • साधो भाई
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  • क्यूं भटकै ऐ घर मैं पिया तेरा
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  • ढूंढ लिया ऐ सखी जल थल सारा
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  • घोनी गी बेलण
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तिमाई पतरिका

बागड़ी गी तिमाई पतरिका अपरेल ऊं जून 2019

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