क्यूं भटकै ऐ घर मैं पिया तेरा।
ग्यान चसम लगाले हीयै फेरा॥ टेर
सपनै मं नार बालक जिन खोया।
गोदी मं लड़का नगर सब हेरा॥
क्यूं भटकै ऐ घर मैं पिया तेरा।
ग्यान चसम लगाले हीयै फेरा॥ टेर
भूलो पुरस जिन कंठ गा भूक्षण।
हेर लिया बाहर बहु तेरा॥
क्यूं भटकै ऐ घर मैं पिया तेरा।
ग्यान चसम लगाले हीयै फेरा॥ टेर
जब गल बंध हटा कर देखा।
भूलण मिल्यां कंठ बिच टेरा॥
क्यूं भटकै ऐ घर मैं पिया तेरा।
ग्यान चसम लगाले हीयै फेरा॥ टेर
अचल राम उलट घट देखा।
सत्य वचन कहुं ऐ सखी मानो मेरा॥
क्यूं भटकै ऐ घर मैं पिया तेरा।
ग्यान चसम लगाले हीयै फेरा॥ टेर