ढूंढ लिया ऐ सखी जल थल सारा।
नहीं मिला मेरा प्रीतम प्यारा॥ टेर
च्यारूं धाम मं फिरी रे भटकती।
मिला नहीं मुझे कुछ भी चारा॥
ढूंढ लिया ऐ सखी जल थल सारा।
नहीं मिला मेरा प्रीतम प्यारा॥ टेर
अड़सठ तीरथ मं मळ-मळ न्हाई।
वहां नहीं मेरे पीये का दीदारा॥
ढूंढ लिया ऐ सखी जल थल सारा।
नहीं मिला मेरा प्रीतम प्यारा॥ टेर
जप तप वरत किया बहु तेरा।
तन को सुखाय पिंजर कर डारा॥
ढूंढ लिया ऐ सखी जल थल सारा।
नहीं मिला मेरा प्रीतम प्यारा॥ टेर
अचल राम कोई पीया से मिलावै
भूलूं नहीं मं उसका उपकारा॥
ढूंढ लिया ऐ सखी जल थल सारा।
नहीं मिला मेरा प्रीतम प्यारा॥ टेर