म्हानै अब के बचाले म्हारी मा बटाऊ आयो लेवण नै।
आठ कोठड़ी नो दरवाजा इण काया गै मांय।
लुकती छिपती मं फिरुं रे लुकती न छोड बेरी नाय रै।।
बटाऊ आयो लेवण नै-2
हात जोङ गे बोली भुडली सुणो बटाऊ बात।
कन्या म्हारी भोळी अब तो करदयो गुणा माफ।।
बटाऊ आयो लेवण नै-2
हात जोङ गे बोल्यो बटाऊ सुणो भुडकी बात।
धर्मराज गा मेल्या आया चडिया मं ढळती मांझल रात।।
बटाऊ आयो लेवण नै-2
सावण गा दिन सतरा बित्यां आई नवळी तीज।
न्हाई-धोई सीस गुंथायो होगी सासरिये नै तियार।।
बटाऊ आयो लेवण नै-2
च्यार भाईयां गी भेन ळाडळी लिनि मोढै चढायै।
अद बिचाळै जागे देख ल्युं रे कितोक आवै परवार
बटाऊ आयो लेवण नै-2
हात जल ज्युं लकङी केस जल ज्यूं घास।
केवै कबीर सुणो भाई सादो बाई जी हो गया स्वर्गवास।
बटाऊ आयो लेवण नै-2
अद बिचाळै जागे देख ल्युं रे कितोक आवै परवार
बटाऊ आयो लेवण नै-2
हात जल ज्युं लकङी केस जल ज्यूं घास।
केवै कबीर सुणो भाई सादो बाई जी हो गया स्वर्गवास।
बटाऊ आयो लेवण नै-2