घोनी गी बेलण एकर गी बात है, एक बकरी ही। बा भोत खुसी-खुसी आपगै गाम मं रेवंती ही। बा भोत मिलणसार ही।भोत ही घोन्यां बिंगी बेलण ही। बिंगी किऊं ई कोई दुसमणी कोनी ही। Read more about घोनी गी बेलण
कल्पना गी जेवड़ी एकर गी बात है एक बाणियो हो, बिंगै कनै तीन ऊंट हा बानै लेगे बो सहर-सहर घूमतो अर कारोबार करतो हो। एकर गठैई जावतां रात हो गी तो बण सोच्यो कि अराम कर्ल Read more about कल्पना गी जेवड़ी
सूझ-बूझ ऊं सुळझाओ समस्या एक किसान हो, बो आपगै खेतां मं काम करगे घरै आवै हो। रा मं ही एक हलवाई गी दुकान ही। बीं दिन किसान किं जादा ऐ काम कर लियो हो अर बिनै भोत भूख लाग Read more about सूझ-बूझ ऊं सुळझाओ समस्या
हर आफत गो हल है एक टेम गी बात है। एक मिनख कनै एक गदियो हो। एक दिन बो गदियो एक दळडै मं पड़ग्यो जद भोत जतन केण गै भछै भी बो गदियो दळड़ै ऊं बारै कोनी निकळ सक्यो तो बण Read more about हर आफत गो हल है